मेरी जिंदगी का रास्ता ढूंढ रहा हूँ
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जिंदगी एक अद्भुत यात्रा है, लेकिन कभी-कभी यह पता नहीं चलता कि सही पथ कहाँ है। मैं भी इसी कठिनाई से गुजर रहा हूँ। हर दिन नई चुनौतियां और संभावनाएं आती हैं, परंतु मुझे अभी तक अपना लक्ष्य स्पष्ट नहीं हुआ है।
- समाज का साथ हमेशा सहायक रहा है, लेकिन अंदर से यह ख्वाब मुझे परेशान करता रहता है कि क्या मैं सही कार्य पर हूँ।
- मैं अपने आप को सफल महसूस कर रहा हूँ, लेकिन यह भी सच है कि अंदर से मुझे कुछ खास चाहिए।
अंतर्ज्ञान की आवाज मुझे सही मार्ग दिखाएगी, बस मुझे उसे सुनने की ज़रूरत है।
क्या करू अब, क्या करू?
यह सवाल हर किसी के मन में आता है। दुनिया इतनी उलझन भरी हो रहती है कि अक्सर हम खुद से पूछते हैं: क्या करना चाहिए हमें क्या करना चाहिए? ये सवाल आज भी मेरे मन में घूम रहे हैं।
- चुनौतियां
- सफ़र
- आत्म-जागरूकता
कुछ भी नहीं समझ में आता है
ये इंसान तो इतना ही डरावना है की मुझे यहाँ पर क्या click here करना चाहिए पता नहीं चलता है। हर घंटा में एक नया मूर्खतापूर्ण घटना मिलती है, और मुझे लगता है की मैं उसमें ही फंसा हुआ हूँ।
इस राह पर एक भी रास्ता न मिल रहा
यहाँ दौर बहुत ही कठिन हो गया है। हर तरफ अंधेरा छाया हुई है और मुझे लग रहा है कि मैं फंस गया हूँ। यह मेरे लिए बहुत आघातकारी है क्योंकि मुझे समझना चाहिए कि क्या करना चाहिए।
मैं विलकुल अकेला हूँ, मुझे क्या करना चाहिए?
ये सवाल मेरे दिल में उछल रहा है। यह दुनिया में हर जगह बहुत से लोग हैं, परंतु मैं खाली महसूस कर रहा हूँ. मुझे चिंता हो रही है कि मैं कभी भी किसी से जुड़ पाऊंगा. क्या यह सच में मेरा भाग्य है? क्यों होगा
मेरी इसी दुर्दशा में ही जिंदगी बीत जाएगी
इसमें पर निर्भर न करता यहाँ का कोई
यह दुनिया बहादुर है, यहाँ हर व्यक्ति खुद पर आधारित है। एक भी नजरों का इंतजार नहीं करता।
- तभी
- वहाँ